मंगलवार, 16 जून 2009

HANS UDE कछुवे KO LE KAR

हंस उडे कछुवे को लेकर

किसी जंगल में एक तालाब था । उस में एक कछुवा रहता थाउस तालाब के पास दो हंस रहते थेहंस कछुवे में मित्र थेदिन भर हंस कछुवे के पास रहते थेआपस में बातचीत करते हुए उनका दिन बीत जाता थासूर्यास्त के समय दोनों हंस अपने घोंसले में चले जाते थे

तेज गर्मी के कारण तालाब सूखने लगाउसे सूखता देखकर हंस चिंतित हो गए और बोले--- "मित्र यह तालाब तो सूखता जा रहा हैअब तुम यहाँ कैसे रहोगे ? यह बात हमें बैचैन कर रही है ।" यह सुनकर कछुवे ने कहा मित्रो जल के बिना तो मै जीवित ही नहीं रह सकताइसलिए कोई उपाए सोचना चाहिये ।" कुछ देर सोचकर कछुवा पुन्हा बोला --" तुम दोनों को ऐसा तालाब तलाश करो , जो जल से भरा होफिर तुम मुझे वहां पंहुचा

देना ।"

हंस उड़ कर गए और तालाब की तलाश करने लगेउन्हें एक तालाब मिल गयावे कछुवे के पास आकर बोले " मित्र हमने तालाब तलाश कर लिया हैवह जल से भरा हुआ है परन्तु यहाँ से बहोत दूर हैतुम वहां तक कैसे जायोगे ?" कुछ देर विचार करने के बाद कछुवा बोला -- " तुम एक मजबूत डंडी तोड़ लायोतुम दोनों उस डंडी तो दोनों तरफ से पकड़ लेना । मै उसे दांतों से कसकर बिच से पकड़ लूँगाफिर तुम दोनों उस डंडी तो ले कर उड़ना और मुझे उस तालाब तक पहुचा देना "

हंसो ने कहा यह उपाय तो अच्छा है परंतो इस में खतरा अधिक हैयदि उड़ते समय तुमने मुह खोला तो निचे गिर जायोगेइतनी ऊंचाई से गिरने के बाद तुम बच नहीं पायोगे ।" कछुवा बोला --" मै उड़ते समाये अपना मुह बिलकुल भी नहीं खोलूँगा '' ।

हंसकछुवे को ले कर उड़ चलेजब हंस कछुवे को लेकर आकाश से जा रहे थे , रस्ते मै एक नगर डाएक आदमE हंस और कछुवे को देख कर बोला ----" आर देखो यह पक्षी क्या लेकर जा रहे हैं । --" दूसरा आदमी बोला अरे ! अरे यह तो कछुवा है ?" यह पक्षी कितने समझदार है ? इन्होने बडा अच्HH

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